आप नहीं सुधरेंगे दिग्विजय सिंह जी अंग्रेज भले ही हिंदुस्तान छोड़कर १९४७ में ही चले गए लेकिन ६४ साल बाद भी अंग्रेजी मानसिकता लिए दिग्विजय सिंह हिंदुस्तान को कई और टुकरो में बाटने की कोसिस लगातार किये जा रहे है और उनके इस प्रयास की सराहना भी बड़े कद काठी के कथित नेताओ द्वारा लगातार जोर शोर से किया जा रहा है और इसका मकसद केवल वोट पाना और सत्ता का सुख भोगना है लेकिन दिग्गी बाबु मुह आदमी को ऐसा ही रखना चाहिए जिससे लोग पान खिलाये …………नहीं हिन्दू और हिन्दू आतंकवाद की बात करके आपने बम्बई में हुए बम ब्लास्ट में मृतकों और घायलों का बहुत अपमान किया है …………………..आप यु ही अनाप शनाप कब तक बोलते रहेंगे और कब तक राहुल एंड कंपनी आपकी पीठ ठोककर देशवासियों के पीठ में छुरा घोपते रहेंगे
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