Menu
blogid : 2243 postid : 134

दुनिया में हम आयें हैं तो जीना ही पडेगा………………………..

punj
punj
  • 62 Posts
  • 157 Comments

दुनिया में हम आयें हैं तो जीना ही पडेगा………………………..फिल्म मदर इंडिया का एक गीत काफी मशहूर हुआ था ,बोल थे “दुनिया में हम आयें हैं तो जीना ही पडेगा ,जीवन में मिला जहर तो पीना ही पडेगा|” चूकि फिल्म में  गरीबी परिवेश का दृश्यांकन किया गया था इसलिए फिल्म के किरदारों को काफी मेहनत मजदूरी के बाद भी दुःख भरी जिन्दगी जीते हुए दिखाया गया और लोगों के दिल के छूती हुयी ये फिल्म उस जमाने की हिट फिल्मों में गिनी जाती है |

आप सोच रहें होंगे कि मै क्या लिख रहा हूँ ,क्यों लिख रहा हूँ और ये सब लिखकर क्या समझाना चाह रहा हूँ ? दरसल मै आज अपने देश के आम आदमी के बारे में सोच रहा हूँ |सोचने पर विवश इसलिए हुया क्योकि आज सुबह सुबह टीबी खोलते ही सुनाई पडा कि पेट्रोल फिर ३ रुपया से भी ज्यादा महंगा हो गया |मै नहीं समझ पा रहा हूँ कि हर सप्ताह पेट्रोल का दाम क्यों बढाया जा रहा है ?अरे भाई एक बार में ही १०० रुपया लीटर कर दो,लोगों को रोज रोज तो ना मरना पडेगा  |

सरकार ने एक और दुसरा निर्णय यह लिया है कि एक परिवार को एक साल में गैस के अधिकतम ६ सिलेंडर ही दिए जायेंगें|उसके बाद जितने सिलेंडर और हम खरीदेंगे उसका लगभग दुगुना दाम देना होगा |एक तो सिलेंडरों से पहले ही गैस निकाल कर लोंगों तक तीन चार किलो कम गैस ही प्रति सिलेंडर मिलता है ऊपर से अब पैसा देकर भी सिलेंडर नहीं मिलने कि बात सुनकर ऐसा लगता है कि सरकार चाहती कि भारत में खाए बिना मरने वालों कि संख्या में भारी बृद्धि हो |

मैंने तो तय किया है कि अगर मेरे घर कोई मेहमान आयेगा तो उसे ना तो चाय के लिए पूछूंगा न ही खाना और नाश्ते के लिए |मैंने ये भी सोचा है कि रोटी तवे की जगह कूकर में बनाकर गैस बचाने कि कोशिश करूंगा |मैंने ये भी सोचा है कि अपने परिवार में होनेवाले किसी  शुभ अवसर  पर किसी को निमंत्रण नहीं दूंगा,और अगर कोई आ गया तो उसे कह दूंगा कि भाई साहब चाय,नाश्ता और खाना अपने घर जाकर खा लेना |

मेरी सलाह आप सभी मानिए और ६ सिलेंडरों में एक साल तक घर चलाने के लिए एक टाइम खाना खाएये ,एक टाइम चाय और एक टाइम पानी पीकर जीने कि आदत डालिए नहीं तो अगर ये सरकार ३ साल बाद गलती से फिर आ गयी तो वो खुद ऐसे विधेयक बना देगी और तब हमें उसे मानना ही पडेगा ,और जीवन में मिला जहर तो पीना ही पडेगा गाने की सार्थकता सिद्ध करने के लिए वाध्य होना पडेगा |

रुद्रनाथ त्रिपाठी   (एडवोकेट)

वाराणसी |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh