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चुनावी मुददों को मुर्दा मत बनाना नेताजी……….! (विभिन्न दलों के चुनावी वादें और उन पर खरा उतरनें की उनकी संकल्प शक्ति )

punj
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अपने आप सो साबित करने,अपने आप को स्थापित करने और अपने आप को चैयरमैन (कुर्सीधारी)बनाने की प्रक्रिया में सभी बड़े दल अपने-अपने मैनिफेस्टो जारी कर रहें हैं |  इन विभिन्न दलों द्वारा जारी किये जा रहे मैनिफेस्टों में तमाम मुददों (वादों )को सुलझाने की बात कह मतदाताओं को उलझाया जा रहा है |जिन प्रमुख मुददों (वादों )पर विशेष जोर दिया जा रहा है उनमें कुछ हैं —

उत्त्तर प्रदेश को बदल देंगें ……...चुनावी उठो, जागो और बदलो  उत्तर प्रदेश का चुनावी नारा देकर राहुल गांधी के नेतृत्व में एक प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस द्वारा उत्तर प्रदेश को बदलने का दावा किया जा रहा है | माननीय  राहुल गांधी चिल्ला-चिल्ला कह रहें हैं कि हमें अवसर दो हम उत्तर प्रदेश को बदल देंगें …|  इसके अलावा मुस्लिमों को आरक्षण बढानें , बुनकरों का कर्ज माफ़ करने आदि की बात की जा रही है |  इस प्रकार अब तक केवल एक बर्ग विशेष के लिए ही कांग्रेस मुददा तलाश कर सकी है और उसी का डंका पीट रही है |एक सवाल जरूर है कि क्या कांग्रेस के पास अलादीन का चिराग है जो वो उत्तर प्रदेश को बदल देगी या कि उसके द्वारा प्रसारित इन मुद्दों का सिर्फ और सिर्फ क्षणिक और अवसरवादी मुददा आने वाले समय में गिना जाएगा |


जो भी हो यह कहना अतिश्योक्ति नही होगा कि कांग्रेस के ये चुनावी वादे फिलहाल तो कथनी स्तर पर हैं और  पिछले तमाम वर्षों से कांग्रेस का जो इतिहास रहा है उसे देखते हुए इन पर भरोसा करना करना थोड़ी जल्दबाजी होगी |


………केंद्र में विपक्ष की भूमिका निभा रही भारतीय जनता पार्टी नें एक बार फिर मन्दिर बनाने का अपना पुराना राग अलापना शुरू कर दिया है | मन्दिर के अलावा अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का विरोध , साफ़-सुथरी सरकार लाने , भय, भूख, भ्रष्टाचार मिटाने और कालाधन वापस लाने जैसी बातों को बी जी पी अपना प्रमुख मुददा बता रही है |आमतौर पर चुनाओं में ही राम को स्मरण करनें वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बड़ी समस्या यह है कि उसके प्रत्याशियों पर विचार भी नहीं करते मुस्लिम मतदाता इसलिए मजबूर होकर बीजेपी को हिन्दुत्ववादी विचार और बयान रखना होता है |


कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी के पास कोई इनके अलावा कोई मुददा नही है |और इन मुद्दों पर भी बीजेपी तभी मुखर हो पाएगी जब उसकी अपनी सरकार बनेगी और वो भी अपने दम पर |


बलात्कार की शिकार को नौकरी देंगें …………..उत्तर प्रदेश की एक प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी सपा के मुखिया ने हाई स्कूल पास  विद्यार्थियों को लैपटाप देने,साइकिल का कारखाना खोल,गरीबों को सस्ते दर पर साइकिल देने,कन्या-विद्याधन देने,जैसी तमाम घोषणाएं की  है लेकिन इन सबसे ज्यादा जो मुद्दा मीडिया और विपक्ष में छाया रहा वो है माननीय मुलायम सिंह जी द्वारा दिया वो बयान जिसमें उन्होंने बलात्कार की शिकार (बलात्कार पीड़ित)लड़कियों  या   महिलाओं  को नौकरी  दिए  जाने  की बात  है|


निष्कर्ष यही है कि कथनी और करनी में कितनी समानता रख पाती है समाजवादी पार्टी ये देखने वाली बात होगी |


दलितों और पिछड़ों को हक दिलायेंगें .……….वर्तमान सत्तारूढ़ पार्टी बहुजन समाज पार्टी की मुखियाइन सुश्री मायावती जी अपनें चुनावी सभाओं में दलितों और पिछड़ों को हक़ दिलाने की बात लगातार कर रहीं हैं | सुश्री मायावती दलितों के साथ-साथ मुस्लिमों और ब्राह्मणों को भी बरगलानें में लगीं हैं |अपनें पांच वर्ष के कार्यकाल का हिसाब देने में असमर्थ बहनजी इन्ही मुद्दों के सहारे लगातार तीसरी बार उत्तर प्रदेश की कुर्सी पर कब्जा जमानें का पूरा विश्वास बनाएं एक बार फिर दलितों और पिछड़ों को समाज की मुख्यधारा लानें का दावा कर रहीं हैं |


दस साल के कार्यकाल में जो नही हुआ उसे आने वाले समय में किया जाएगा ऐसा विश्वास बहन जी नें खो दिया है |


उत्तर प्रदेश के इन प्रमुख राजनीतिक दलों के चुनावी वादे हैं तो बड़े लुभावने , लेकिन पिछले इतिहास , राजनीतिक दलों और उसके ज्यादातर उम्मीदवारों के चाल-चरित्र को देखते हुए अपने वादों पर खरा उतरने  की उनकी संकल्प शक्ति पर भी संदेह की स्थिति फिलहाल बनी हुई है |


अपने इस लेख के माध्यम से मै सभी नेताओं से निवेदन करूंगा कि  चुनाव में किये गये अपने वादों को याद रखना , चुनावी मुददों को मुर्दा मत बनाना नेताजी …………!


रुद्रनाथ त्रिपाठी “पुंज”  (एडवोकेट)

वाराणसी

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